प्रेम सजाना पड़ता है
ये इतनी आसां बात नहीं, तुम नदी नहा कर मुक्त हुए; ये इतना सरल नहीं रस्ता, तुम मक्का जा आजाद हुए।खुद को पिघलाना पड़ता है, खुद को मिट जाना पड़ता …
ये इतनी आसां बात नहीं, तुम नदी नहा कर मुक्त हुए; ये इतना सरल नहीं रस्ता, तुम मक्का जा आजाद हुए।खुद को पिघलाना पड़ता है, खुद को मिट जाना पड़ता …
उसको अपना पूरा जीवन, भूल-भुलैया लगता है। जिन राहों पर वो बढ़ता है, जिन मोड़ों पर वो मुड़ता है, अंधे राह-मोड़ वो लगते, कभी खिवैया लगता है।उसको अपना पूरा जीवन, …
मैं डूबा हूँ कुंड में जिसमें तेरी ऊर्जा भरी हुई, बह जाता हूँ साथ कभी मैं, शांत कभी मैं पड़ी हुई!मैं खो जाता हूँ तुझमें, जैसे मैं तुझसे अलग नहीं; …