तुम नारी हो
एक करिश्मा हो तुम,तुम हो एक नदी,जो बहती है, जीवन के एक छोर से दूसरे छोर तक-बहने के लिए!बहती है, तमाम ऊबड़-खाबड़ रास्तों से बेखबर,और पा लेती है अपना समुंदर,-हवा …
एक करिश्मा हो तुम,तुम हो एक नदी,जो बहती है, जीवन के एक छोर से दूसरे छोर तक-बहने के लिए!बहती है, तमाम ऊबड़-खाबड़ रास्तों से बेखबर,और पा लेती है अपना समुंदर,-हवा …
ज़िंदगी की दौड़ में,मुकाबले औ’ होड़ में,दूसरे से जीतने को दौड़ता!किंतु चक्र में सभी,हैं दौड़ते अभी-अभी,है कौन आगे, किसको पीछे छोड़ता?!ज़िंदगी की दौड़ में,देखो जोड़-तोड़ में,दौड़ किससे जीतते या हारते?!इक …
था रंग जवानी का औ’ रोशन थी ज़िंदगी,हासिल थी हरिक शै, ना गुलामी ना बंदगी;हर यार कह रहा था, मुकद्दर कमाल है,परवाज़ है फ़लक पे औ’ हासिल है बुलंदी।हर वक़्त …